इटावा। इस बार यूपी बोर्ड ने प्रायोगिक परीक्षा में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए यूपीएमएसपी (उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद) एप लांच किया है। इस एप के माध्यम से परीक्षक अब कॉलेज से ही छात्रों के प्रायोगिक परीक्षा के अंक दे सकेंगे, जिससे परीक्षकों और स्कूल के जिम्मेदारों की मनमानी पर रोक लगेगी। अब किसी भी तरह की गड़बड़ी की संभावना नहीं रहेगी, और परीक्षा के परिणाम पूरी तरह से पारदर्शी होंगे।
पहले प्रायोगिक परीक्षा के दौरान बोर्ड से आने वाले परीक्षक फार्म पर अंक भरकर परिषद कार्यालय भेजते थे, और फिर परिषद इन अंकों को फाइनल रिजल्ट में जोड़ता था। लेकिन कई बार कॉलेज प्रबंधन ने परीक्षकों को प्रभावित कर छात्रों को अच्छे अंक दिलवाने की कोशिश की थी, जिससे नकल और गड़बड़ी के मामले सामने आते थे। कुछ केंद्रों पर तो बिना परीक्षक आए ही विद्यार्थियों के नंबर दे दिए जाते थे, जिससे परिणाम पर प्रश्न उठने लगे थे।
यूपी बोर्ड ने इस समस्य को गंभीरता से लेते हुए यूपीएमएसपी एप को लांच किया है, जिससे परीक्षकों की गतिविधियों पर निगरानी रखी जा सकेगी। इस एप के माध्यम से परीक्षा केंद्र पर आकर ही परीक्षक छात्रों को अंक दे सकेंगे। इसके अलावा, इस बार प्रायोगिक परीक्षा के दौरान प्रधानाचार्य भी परीक्षकों की गतिविधियों की वीडियो रिकॉर्डिंग करेंगे। यह वीडियो रिकॉर्डिंग बोर्ड के पास भेजी जाएगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि परीक्षक परीक्षा केंद्र पर पहुंचे हैं या नहीं।
इस एप की सबसे बड़ी खासियत यह है कि परीक्षा केंद्र के 200 मीटर दायरे से बाहर जाने पर एप काम नहीं करेगा। इसका मतलब है कि परीक्षक परीक्षा केंद्र के बाहर जाते ही अंक देने के लिए एप का उपयोग नहीं कर सकेंगे। इस व्यवस्था से न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि परीक्षकों की वास्तविक उपस्थिति की भी निगरानी की जा सकेगी।
इस बार जिले में हाईस्कूल के 22,307 और इंटरमीडिएट के 22,188 छात्रों को प्रायोगिक परीक्षा में शामिल किया जाएगा। यूपी बोर्ड की यह पहल छात्रों के हित में है और परीक्षा प्रणाली को और अधिक विश्वसनीय और पारदर्शी बनाने में मदद करेगी।