इटावा। ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस (वीएचएनडी) के तहत हर हफ्ते नवजात शिशु, गर्भवती और धात्री महिलाओं का टीकाकरण किया जाता है। लेकिन जिला स्वास्थ्य समिति की रिपोर्ट ने इस प्रक्रिया की खराब प्रगति की पोल खोल दी है। रिपोर्ट के अनुसार, इटावा जिले को प्रदेश में 29वां और कानपुर मंडल में तीसरा स्थान मिला है, जबकि पड़ोसी जिले कन्नौज और औरैया को क्रमशः प्रथम और द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ है। इस पर सीडीओ (Chief Development Officer) अजय कुमार गौतम ने नाराजगी व्यक्त की और अगले माह तक सुधार की चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि अगर सुधार नहीं हुआ तो जिम्मेदार अफसरों और कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
साथ ही, जिले में आशा (Accredited Social Health Activist) के रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया को भी तेज़ी से पूरा किया जा रहा है। सीएमओ ने बताया कि आशा कार्यकर्ताओं की कमी से स्वास्थ्य सेवाओं में विघ्न उत्पन्न हो रहे थे, जिसे अब शीघ्र ही पूरा किया जाएगा। इससे स्वास्थ्य सेवाओं का सुधार होगा और टीकाकरण की प्रक्रिया में भी तेजी आएगी।
सीडीओ ने इस मामले में एमओआईसों को निर्देशित किया कि वे खराब प्रगति वाले क्षेत्रों में साप्ताहिक टीकाकरण कार्य को सुधारने के लिए कड़ी निगरानी रखें। इसके साथ ही, उन्होंने कहा कि इटावा जिले की रैंकिंग को कन्नौज और औरैया के स्तर तक पहुंचाने के लिए शिविर आयोजित किए जाएं। इस कदम से टीकाकरण की प्रगति में सुधार होने की उम्मीद है।
सीडीओ ने कहा कि जिलों में कार्यक्षमता को बेहतर बनाने के लिए यह सुनिश्चित किया जाएगा कि टीकाकरण के सभी रिकॉर्ड समय पर अपडेट हों और किसी भी प्रकार की लापरवाही न हो। इसके साथ ही, उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे क्षेत्रीय अधिकारियों के साथ मिलकर इस समस्या का समाधान करें और टीकाकरण में गति लाएं।
इस प्रकार, जिले में टीकाकरण की प्रगति को सुधारने के लिए प्रशासन ने ठोस कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। अब देखना यह है कि इन सुधारात्मक उपायों के प्रभाव से टीकाकरण में कितनी तेजी आती है और इटावा जिले की रैंकिंग में सुधार होता है या नहीं।