इटावा: उत्तर प्रदेश में कड़ाके की ठंड ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। प्रदेश के विभिन्न जिलों में ठंड का प्रकोप बढ़ रहा है, लेकिन सबसे ठंडा जिला इस बार इटावा रहा। यहां का न्यूनतम तापमान 4.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो प्रदेश में सबसे कम है।
तापमान में इस भारी गिरावट के चलते जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। सुबह और रात के समय हाड़ कंपा देने वाली ठंड ने लोगों का घर से बाहर निकलना मुश्किल कर दिया है। ठंड के कारण सड़कें सुनसान नजर आ रही हैं, और लोग ठंड से बचने के लिए अलाव और गर्म कपड़ों का सहारा ले रहे हैं।
मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, इटावा का न्यूनतम तापमान रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। यह ठंडा मौसम फिलहाल कुछ दिनों तक और जारी रहने की संभावना है। मौसम विभाग ने भविष्यवाणी की है कि आने वाले दिनों में पारा और अधिक गिर सकता है, जिससे ठंड का प्रकोप और बढ़ेगा।
कृषि क्षेत्र पर भी ठंड का खासा प्रभाव देखा जा रहा है। किसान अपने फसलों को पाले से बचाने के लिए उपाय कर रहे हैं। वहीं, स्कूल जाने वाले बच्चों और दैनिक मजदूरी करने वाले लोगों को सबसे अधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
स्थानीय प्रशासन ने ठंड से निपटने के लिए अलाव जलाने और जरूरतमंदों को गर्म कपड़े बांटने के निर्देश दिए हैं। नगर निगम की ओर से रैनबसेरों में भी सुविधाएं उपलब्ध कराने की कोशिश की जा रही है, ताकि बेघर लोग ठंड से बच सकें।
डॉक्टरों ने लोगों को सुबह और देर रात बाहर निकलने से बचने की सलाह दी है। साथ ही, ठंड के प्रकोप से बचने के लिए गर्म भोजन और पर्याप्त पानी पीने का सुझाव दिया गया है। ठंड के इस मौसम ने इटावा को चर्चा में ला दिया है। प्रदेश में अब यह देखना होगा कि अगले कुछ दिनों में पारा और कितना गिरता है और ठंड का यह कहर कब तक जारी रहता है।