ऊसराहार माता वैष्णो देवी के दर्शन कर स्वजन सहित लौटते समय उच्च प्राथमिक विद्यालय भरतपुर खुर्द के अध्यापक देवेश त्रिवेदी को रास्ते में एक लेडीज पर्स मिला। पर्स को खोलने पर उसमें 52,111 रुपये, एक स्मार्ट फोन और कंगन जैसी कीमती वस्तुएं पाई गईं। देवेश त्रिवेदी ने तुरंत पर्स के मालिक की तलाश शुरू की और अपनी ईमानदारी से एक सच्ची मिसाल पेश की।
पर्स में रखे स्मार्ट फोन पर एक काल आई, जिसमें वाराणसी निवासी दीपू वर्मा ने बताया कि उनका पर्स माता रानी के दरबार में कहीं छूट गया है। पर्स के मालिक ने कहा कि वह अपना पर्स वापस पाना चाहते हैं। देवेश त्रिवेदी ने पूरी जांच की और संतुष्ट होने के बाद उन्हें बताया कि उनका पर्स सुरक्षित है और वे इटावा आकर उसे ले सकते हैं।
इसके बाद, दीपू वर्मा अपनी पत्नी के साथ इटावा पहुंचे और देवेश त्रिवेदी के आवास पर जाकर अपना खोया हुआ पर्स प्राप्त किया। पर्स लौटाने के बाद दीपू वर्मा और उनकी पत्नी खुशी से अभिभूत थे और उन्होंने देवेश त्रिवेदी का धन्यवाद किया। यह घटना ईमानदारी और नैतिकता का एक बेहतरीन उदाहरण बन गई।
इस कार्य के लिए बीईओ सर्वेश कुमार सिंह, जिला स्काउट मास्टर अच्युत त्रिपाठी, और ब्लाक व्यायाम शिक्षक अवधेश सिंह राठौर ने देवेश त्रिवेदी की सराहना की और उनके ईमानदार व्यवहार को एक प्रेरणा के रूप में प्रस्तुत किया। सभी ने इस घटना को समाज में ईमानदारी और नैतिकता की भावना को बढ़ावा देने वाला कदम माना।