चकरनगर। चंबल घाटी में आयोजित 42 किलोमीटर लंबी चंबल मैराथन में विभिन्न जिलों के धावकों ने भाग लिया। इस मैराथन में भिंड के आकाश ने शानदार प्रदर्शन करते हुए गोल्ड मेडल जीता। प्रतियोगिता में इटावा, जालौन, औरैया और भिंड के धावक शामिल हुए थे।
मैराथन का आयोजन सिद्धनाथ मंदिर से हुआ, जो लखना-सिंड़ौस मार्ग, बल्लो गढ़िया, भिंड के सनावई, हारकेपुरा, औरैया के जुहीखा और तातारपुर से होते हुए संपन्न हुई। इस दौरान सभी स्थानों पर धावकों का जोरदार स्वागत किया गया, और लोगों ने पुष्पवर्षा कर उनका उत्साहवर्धन किया।
मैराथन में देवेंद्र सिंह यादव ने दूसरा स्थान प्राप्त किया, जबकि सत्यम भदौरिया ने तीसरे स्थान पर कब्जा जमाया। मुरैना के शैलेंद्र सिंह राठौर चौथे और उदित यादव पांचवें स्थान पर रहे। मैराथन को सफल बनाने में महेश द्विवेदी, देवेंद्र सिंह फरैया और डॉ. राजेश सिंह चौहान का विशेष योगदान रहा।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि इतिहासकार देवेंद्र सिंह चौहान, विशिष्ट अतिथि सूरज रेखा त्रिपाठी, खेल प्रशिक्षक भुवनेश कुमार, चंवल परिवार के संयोजक चंद्रोदय सिंह चौहान, और किसान नेता रामशंकर सिंह और गजेंद्र सिंह ने विजेताओं को मेडल और सर्टिफिकेट प्रदान किए।
चंबल संग्रहालय के महानिदेशक डॉ. शाह आलम राणा ने इस अवसर पर कहा कि चंबल प्रदेश की स्थापना के लिए औरैया, मैनपुरी, फिरोजाबाद, इटावा, आगरा, कानपुर देहात, जालौन, झांसी, दतिया, गुना, शिवपुरी, ग्वालियर, भिंड, मुरैना, श्योपुर, धौलपुर, सवाई माधोपुर, कोटा, बारा, जगम्मनपुर, भदावर भूमि और सबलगढ़ को शामिल किया जाना चाहिए, ताकि इस क्षेत्र का और विकास हो सके।