इटावा सफारी पार्क में शेरनियों द्वारा छोड़े गए शावकों की देखभाल में जुटे दो जू कीपर, अजय और आसिफ, शावकों के लिए मां की भूमिका निभा रहे हैं। शेरनी रूपा और नीरजा ने अपने शावकों को जन्म के बाद पालने से इनकार कर दिया, जिससे शावकों के जीवन पर संकट खड़ा हो गया।
शेरनी रूपा का शावक “अज्जू” 3 सितंबर 2023 को पैदा हुआ था। जन्म के बाद रूपा ने उसे छोड़ दिया, जिसके बाद जू कीपर अजय ने उसकी देखभाल की जिम्मेदारी ली। अजय की कड़ी मेहनत और देखरेख से अज्जू अब 15 माह का हो चुका है और उसका वजन 60 किलोग्राम हो गया है।दूसरी ओर, शेरनी नीरजा ने 30 मई 2024 को दो शावकों, आशी और जया, को जन्म दिया। नीरजा ने जन्म के बाद से ही उन्हें दूध नहीं पिलाया। इन दोनों शावकों की देखभाल अजय और आसिफ मिलकर कर रहे हैं। उनकी मेहनत से ये शावक अब सात माह के हो गए हैं और उनका वजन 20 किलोग्राम है।
सफारी के नियोनेटल केंद्र में इन शावकों को रखा गया है, जहां उनकी विशेष देखभाल हो रही है। पहले इन्हें दिन में सात बार दूध दिया जाता था। शावकों की सेहत बनाए रखने के लिए नियमित व्यायाम और मालिश भी कराई जाती थी। साथ ही सीसीटीवी कैमरों से उनकी निगरानी की जाती थी। अब तीनों शावक मीट खाना भी शुरू कर चुके हैं।
वन्यजीव विशेषज्ञों का कहना है कि कभी-कभी शेरनियां कमजोर या बीमार शावकों को पहचानकर उन्हें पालने से मना कर देती हैं। यह उनका प्राकृतिक व्यवहार है, क्योंकि वे अपने शेष शावकों की देखभाल और सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करना चाहती हैं। जू कीपर अजय और आसिफ का कहना है कि उनकी मेहनत रंग लाई है। इन शावकों को बड़ा होते देखना उनके लिए गर्व की बात है। अब ये शावक स्वस्थ और मजबूत हो रहे हैं, जो इटावा सफारी पार्क की सफलता का एक उदाहरण है।