इटावा। दुष्कर्म पीड़िताओं को चिकित्सीय और आर्थिक सहयोग देने के उद्देश्य से सरकार द्वारा शुरू की गई लक्ष्मी बाई महिला सम्मान योजना का शत प्रतिशत लाभ पीड़िताओं को नहीं मिल पा रहा है। इस योजना के तहत सरकार ने पीड़िताओं को आर्थिक मदद और चिकित्सीय सहायता देने का प्रावधान किया है, लेकिन विभागीय प्रक्रियाओं की जटिलताओं के कारण इस योजना का लाभ अब तक बहुत कम महिलाओं तक पहुंच सका है।
2015 से लेकर अब तक जिले में सिर्फ 74 दुष्कर्म पीड़िताओं को ही इस योजना के तहत आर्थिक मदद मिल पाई है, जो कि अपेक्षित संख्या के मुकाबले काफी कम है। पीड़िताओं के परिवारों को सहायता प्राप्त करने के लिए विभागीय दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते हैं, जिससे उन्हें मानसिक और शारीरिक दोनों प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
इस योजना के तहत आर्थिक मदद का उद्देश्य पीड़िताओं के जीवन को पुनः सामान्य बनाने में मदद करना था, लेकिन विभागीय प्रक्रियाओं में इतनी देरी और जटिलताएं हैं कि पीड़िताओं तक यह मदद नहीं पहुंच पा रही। इसके कारण पीड़िताओं के परिवारों को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
समाजसेवी और महिला अधिकार कार्यकर्ता इस स्थिति पर चिंता जताते हुए कहते हैं कि सरकार को इस योजना को लागू करने में तेजी लानी चाहिए और इसके तहत पीड़िताओं को शीघ्र सहायता देने के लिए प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाना चाहिए। साथ ही, पीड़िताओं को उनके अधिकार और सहायता मिलनी चाहिए ताकि वे अपने जीवन को फिर से सामान्य तरीके से जी सकें।
इकदिल क्षेत्र के एक गांव में हुई दिल दहला देने वाली घटना में सात साल की मासूम के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया है। घटना 29 अगस्त की शाम की है जब आरोपी पड़ोसी ने बच्ची को कमरे में बंद करके उसके साथ हैवानियत की। पुलिस ने इस मामले में तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। हालांकि, पीड़ित परिवार को अभी तक सरकार की ओर से कोई मदद नहीं मिल पाई है। पीड़िता के चाचा ने फोन पर बताया कि घटना के बाद से परिवार सदमे में है। बच्ची की हालत नाजुक है। उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से अभी तक कोई आर्थिक मदद या अन्य प्रकार का सहयोग नहीं मिला है।
लगभग 10 महीने पहले भरेह थाना क्षेत्र के एक गांव में हुई एक दिल दहला देने वाली घटना में 16 वर्षीय किशोरी के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया था। पुलिस ने इस मामले में तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। हालांकि, इस घटना का एक और दर्दनाक पहलू सामने आया है। किशोरी ने नवंबर महीने में सैफई आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय में एक बच्चे को जन्म दिया है। लेकिन दुर्भाग्य से, पीड़िता और उसके नवजात बच्चे को अभी तक सरकार या किसी अन्य संस्था से कोई मदद नहीं मिल पाई है। पीड़िता के पिता ने बताया कि उनकी बेटी के साथ हुई इस घटना से पूरा परिवार सदमे में है। उन्होंने बताया कि बेटी और पोते को किसी तरह की आर्थिक मदद या अन्य प्रकार का सहयोग नहीं मिला है।