हर घर नल योजना की गति हुई सुस्त, टंकी निर्माण व पाइपलाइन डालने का कार्य अटका
इटावा, 1 जनवरी : जनपद में हर घर नल योजना के तहत टंकी निर्माण और पाइपलाइन डालने का कार्य अब कछुआ की गति से चल रहा है। योजना के तहत यह कार्य वर्ष 2024 में पूर्ण होना था, लेकिन अब इस परियोजना को पूरा करने में कितना और समय लगेगा, यह कहना मुश्किल है। ग्रामीण क्षेत्रों में लोग कई महीनों से इस कार्य को होते देख रहे हैं, लेकिन अब तक कार्य पूरा नहीं हो सका।
जसवंतनगर के हरकूपुर गांव में तो गली में जलापूर्ति करने वाला पाइप खुला पड़ा हुआ है, और लोग इस इंतजार में हैं कि जल्द से जल्द टंकी बनें ताकि उनके घरों तक जलापूर्ति की टोंटी पहुंचे और उन्हें इस योजना का लाभ मिल सके। टंकी निर्माण का कार्य पिछले चार वर्षों से चल रहा है, और इसके पहले चरण के काम के बाद दूसरे चरण में जनपद के 540 गांवों को शामिल किया गया था। लेकिन इन गांवों में से 193 गांव अभी भी अधर में लटके हुए हैं और इस कार्य की गति काफी धीमी हो गई है।
इस कार्य के लिए 243 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया गया था, लेकिन अब तक इस बजट का 63 प्रतिशत यानी 155 करोड़ रुपये ही प्राप्त हुआ है। बजट की कमी के कारण कार्य की गति में काफी गिरावट आई है। विभाग ने दिसंबर 2024 तक दूसरे चरण का काम पूरा करने का दावा किया था, लेकिन यह दावा अब तक पूरा नहीं हो सका।
इतना ही नहीं, तृतीय चरण में 381 गांवों में होने वाले कार्य के लिए 712 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया था, लेकिन अब तक केवल 320 करोड़ रुपये (स्वीकृत बजट का 45 प्रतिशत) ही मिला है। बजट की कमी के कारण कार्य की गति पूरी तरह से रुक गई है और परियोजना के पूरे होने में और देरी होने की संभावना है।
ग्रामीण इलाकों में लोगों का धैर्य जवाब दे रहा है। लोग इस योजना के लाभ का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन उन्हें अब तक यह सुविधा प्राप्त नहीं हो सकी है। इससे साफ है कि अगर जल्द ही बजट की राशि का आवंटन नहीं होता, तो यह योजना और अधिक समय तक लटक सकती है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में जलापूर्ति की समस्या बनी रहेगी।
विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वे जल्द ही कार्य को गति देने के लिए कदम उठाएंगे, लेकिन बजट की कमी सबसे बड़ी चुनौती बनकर सामने आ रही है। ग्रामीणों ने मांग की है कि इस योजना को प्राथमिकता देकर जल्द से जल्द पूरा किया जाए, ताकि उन्हें स्वच्छ जल की सुविधा मिल सके।