इटावा। ठंड के बढ़ते प्रभाव के कारण जिला अस्पताल की ओपीडी में मरीजों की संख्या में गिरावट आई है। जहां आम दिनों में एक हजार से ज्यादा मरीजों के पर्चे बनते थे, वहीं गुरुवार को केवल 610 नए पर्चे बनाए गए। इस कारण दोपहर एक बजे तक पर्चा काउंटर लगभग खाली नजर आया। ओपीडी में भी मरीजों की कतार कम रही, जो ठंड की वजह से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में कमी का संकेत हो सकता है।
वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. अजय शर्मा के अनुसार, ओपीडी में इलाज के लिए पहुंच रहे अधिकांश मरीज श्वांस संबंधित समस्याओं से जूझ रहे हैं। इनमें सांस फूलने और माइल्ड निमोनिया जैसे लक्षण देखने को मिल रहे हैं। इन मरीजों को अस्पताल में भर्ती किया जा रहा है, ताकि उन्हें उचित उपचार मिल सके और उनकी स्थिति में सुधार हो सके।
इसके अलावा, इमरजेंसी वार्ड में भर्ती मरीजों में करीब 40 फीसदी मरीज सांस की बीमारी से ग्रस्त हैं। इनमें से अधिकांश मरीज 60 साल से ज्यादा उम्र के हैं, जो ठंड के कारण श्वसन तंत्र पर असर डालने के शिकार हो रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि ऐसे मरीजों को विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है, ताकि उनकी स्थिति गंभीर न हो जाए।
चाइल्ड ओपीडी में भी इलाज के लिए पहुंच रहे बच्चों में ब्रोंकाइटिस, बुखार, कोल्ड और डायरिया के मामलों की संख्या अधिक देखी जा रही है। ठंड के कारण बच्चों की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है, जिससे वे आसानी से इन बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। डॉक्टरों ने अभिभावकों से सतर्क रहने की अपील की है और बच्चों को गर्म रखें।
मौसम के इस प्रभाव के बीच अस्पताल प्रशासन ने लोगों को ठंड से बचने के लिए आवश्यक उपायों की जानकारी दी है। साथ ही, स्वास्थ्य विभाग ने भी अलर्ट जारी किया है, ताकि ठंड के बढ़ते प्रभाव से निपटा जा सके और मरीजों को समय पर चिकित्सा सेवा मिल सके।