बकेवर कस्बे के पं. रामाधीन शर्मा 50 शैया अस्पताल में कुत्ता और बंदर काटने की वैक्सीन की कमी से मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पिछले दो दिनों से अस्पताल में एंटी रैबीज वैक्सीन खत्म होने के कारण लोग मजबूरन या तो वापस लौट रहे हैं या फिर जिला अस्पताल का रुख कर रहे हैं।
50 शैया अस्पताल में हर रोज़ करीब 10 से 15 मरीज कुत्ता या बंदर काटने के बाद वैक्सीनेशन के लिए आते हैं। लेकिन वैक्सीन की कमी के कारण उन्हें इलाज में बाधा आ रही है। कुत्ते और बंदरों के काटने की घटनाओं में पिछले दो सालों से बकेवर और लखना कस्बों के साथ ग्रामीण इलाकों में बढ़ोतरी हुई है। इसके चलते बीते साल से बकेवर के 50 शैया अस्पताल में इन मामलों के लिए रैबीज वैक्सीन की व्यवस्था की गई थी।
हालांकि, बीते बुधवार को वैक्सीन खत्म हो गई और इसके बाद से ही मरीजों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। दो दिन बीत जाने के बाद भी अस्पताल में वैक्सीन की आपूर्ति नहीं हो पाई है, जिससे लोगों को मजबूरन जिला अस्पताल की तरफ रुख करना पड़ रहा है।
स्थानीय लोग और मरीज इस स्थिति को लेकर परेशान हैं। खासकर सर्दी के मौसम में मरीजों को जिला अस्पताल तक पहुंचने में काफी कठिनाई हो रही है। कई मरीज तो वैक्सीनेशन के बिना ही वापस लौट रहे हैं, जबकि यह वैक्सीन समय पर न लगवाने पर गंभीर समस्या उत्पन्न कर सकती है।
इस संबंध में 50 शैया अस्पताल के अधीक्षक डॉ. वीरेंद्र भारती ने बताया कि कुत्ता और बंदर काटने के मामलों में उपयोग होने वाली वैक्सीन मंगवाई गई है और जल्द ही यह अस्पताल में उपलब्ध होगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि जैसे ही वैक्सीन आएगी, मरीजों को तुरंत इलाज देना शुरू कर दिया जाएगा। इस बीच, स्थानीय निवासियों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि अस्पताल में वैक्सीन की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए, ताकि मरीजों को उपचार में कोई कठिनाई न हो और उनका इलाज समय पर किया जा सके।