इटावा में शनिवार को घना कोहरा छाया रहा, जिससे रेलवे का यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ। कोहरे के कारण सुपरफास्ट ट्रेनें भी महज 23 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ पाई। इस वजह से 26 से अधिक ट्रेनें अपने निर्धारित समय से कई घंटे देरी से आईं, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
कोहरे के कारण ट्रेनें कई स्थानों पर रुकीं, और लंबी दूरी की ट्रेनों को बहुत धीमी गति से चलाया गया। सबसे अधिक प्रभावित ट्रेनें प्रयागराज जयपुर एक्सप्रेस, ऊंचाहार एक्सप्रेस, और कैफियत एक्सप्रेस थीं। प्रयागराज जयपुर एक्सप्रेस शनिवार सुबह लगभग छह बजे इटावा जंक्शन पर पहुंची, लेकिन कोहरे की वजह से यह ट्रेन आगरा कैंट तक 137 किलोमीटर का रास्ता छह घंटे में तय कर पाई। दोपहर में यह ट्रेन कैट स्टेशन पहुंची।
वहीं, अन्य लंबी दूरी की ट्रेनों में भी देरी देखी गई। ऊंचाहार एक्सप्रेस 11 घंटे 14 मिनट, कैफियत एक्सप्रेस 10 घंटे 41 मिनट, और पूर्वा एक्सप्रेस छह घंटे देरी से आईं। अवध एक्सप्रेस, मरुधर एक्सप्रेस, फफूंद-इटावा एक्सप्रेस, और मगध एक्सप्रेस भी घंटों लेट हुईं। इस स्थिति ने दैनिक यात्री और जरूरतमंद यात्रियों को भारी असुविधा में डाल दिया।
इटावा ग्वालियर एक्सप्रेस, गोमती एक्सप्रेस, वैशाली एक्सप्रेस और वंदे भारत जैसी तेज गति वाली ट्रेनें भी निर्धारित समय से देरी से पहुंचीं। खासकर छोटे बच्चों और महिलाओं को प्लेटफार्म पर ठंड में अधिक समय तक इंतजार करना पड़ा, जिससे उनकी परेशानी और बढ़ गई।
वहीं, इटावा रेलवे स्टेशन पर एक और समस्या सामने आई है। यात्री अपनी जान जोखिम में डालकर रेलवे लाइन पार करते हैं, जिससे दुर्घटना का खतरा बढ़ जाता है। प्लेटफॉर्म नंबर तीन से उतरने वाले यात्री बेधड़क रेलवे लाइन पार करते हैं, जबकि स्टेशन पर लिफ्ट और पेंटल पथ जैसे सुरक्षित रास्ते उपलब्ध हैं। बावजूद इसके लोग शार्टकट अपनाकर अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं। इस कारण कुछ दिनों में कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन इस पर कोई रोक नहीं लगाई जा रही है।