इटावा इस सप्ताह में दूसरी बार रविवार को इटावा प्रदेश का सबसे ठंडा जिला बना। रविवार को यहां का न्यूनतम तापमान 5.5 डिग्री और अधिकतम तापमान 14 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यह तापमान प्रदेश में सबसे कम था, जिसके कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। लोग ठंड से बचने के लिए घरों में ही सिमट गए हैं। हालांकि, सर्दी का असर इंसानों के साथ-साथ बेजुबान जानवरों पर भी देखने को मिला है।
रविवार को ठंड के कारण आम जनजीवन पूरी तरह प्रभावित हुआ। लोग दिन भर गर्म कपड़े पहनने के बावजूद ठंड का सामना करने में संघर्ष करते रहे। रात्रि का तापमान भी सामान्य से काफी कम रहा, जिससे सुबह के समय हवा में गलन बढ़ गई। सर्दी के कारण बाहरी कामकाजी लोग खासकर किसान और मजदूर कठिनाई महसूस कर रहे हैं।
इतनी कड़ी ठंड में बेजुबान जानवरों के लिए भी जीवन दायिनी साबित हो रही यह ठंड बड़ी चुनौती बन गई है। पशु-पक्षी खुले में सर्दी से जूझते नजर आए। कई स्थानों पर तो स्थानीय प्रशासन ने पशुओं के लिए अस्थायी शेल्टर बनाने की योजना पर विचार भी किया है, ताकि इनका जीवन बचाया जा सके।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार आगामी पांच दिनों तक ठंड में और इजाफा होने की संभावना जताई जा रही है। सीएसए के मौसम विभाग का कहना है कि रविवार का अधिकतम तापमान और न्यूनतम तापमान दोनों सामान्य से कम रहे हैं, और पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के कारण मौसम में बदलाव आ रहा है। हालांकि, इस दौरान बारिश की संभावना नहीं है।
वेस्टर्न डिस्टर्बेंस (पश्चिमी विक्षोभ) के प्रभाव से रविवार को इटावा में बादल छाए रहे। इसके कारण सूरज की किरणों से राहत नहीं मिल पाई। हवा की रफ्तार कम होने से ठंड और गलन का प्रभाव ज्यादा बढ़ गया। मौसम विभाग के अनुसार, जैसे ही यह पश्चिमी विक्षोभ खत्म होगा, हवाओं की गति बढ़ेगी और ठंड में और तेजी आएगी।
मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार ला-नीना के सक्रिय होने की संभावना है, जिससे ठंड लंबे समय तक बनी रह सकती है। इस स्थिति में सर्दी के और बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। सीएसए के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी डॉ. एसएन सुनील पांडेय के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ के असर से तापमान में उतार-चढ़ाव हो रहा है, और इसके बाद एक और विक्षोभ आने से ठंड और बढ़ सकती है। डॉ. पांडेय ने यह भी बताया कि वर्तमान में दूसरा पश्चिमी विक्षोभ अफगानिस्तान के ऊपर चक्रवाती घेरे के रूप में स्थित है, जो 3.1 से 9.4 किलोमीटर की ऊंचाई पर सक्रिय है। इसका असर इटावा सहित उत्तर प्रदेश के अन्य हिस्सों में पड़ेगा। इससे आगामी दिनों में ठंड की तीव्रता बढ़ेगी।इटावा के नागरिकों को सलाह दी गई है कि वे सर्दी से बचने के लिए एहतियात बरतें और बेजुबान जानवरों की मदद भी करें।