इटावा महोत्सव के तहत रविवार की रात पंडाल में एक अद्भुत सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिला पर्यटन एवं संस्कृति परिषद की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में विपश्यना नृत्य नाटिका प्रस्तुत की गई। नृत्य नाटिका का उद्देश्य जनजागृति के साथ-साथ युवाओं को संस्कारित करना था। इस अवसर पर कार्यक्रम का शुभारंभ प्रदर्शनी समिति के जनरल सेक्रेटरी और उपजिलाधिकारी सदर विक्रम सिंह राघव ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलित कर किया।
उपजिलाधिकारी विक्रम सिंह राघव ने इस अवसर पर कहा कि इटावा महोत्सव एक माह तक चलता है, जिसमें विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इन कार्यक्रमों का मुख्य उद्देश्य सैकड़ों वर्ष पुराने महोत्सव में आने वाले लोगों को मनोरंजन प्रदान करना और उन्हें सांस्कृतिक धरोहर से परिचित कराना है। उन्होंने कार्यक्रम के महत्व को समझाते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन समाज में सांस्कृतिक जागरूकता को बढ़ाते हैं।
विपश्यना नृत्य नाटिका में अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कथक नृत्यांगना सुरभि सिंह ने अपनी शानदार प्रस्तुति दी। इस नृत्य नाटिका में उन्होंने महात्मा बुद्ध की शरण में आई नर्तकी वासवदत्ता के हृदय परिवर्तन की कथा को नृत्य के माध्यम से पेश किया। सुरभि सिंह की मनमोहक प्रस्तुति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया और कार्यक्रम को एक अलग ही आयाम प्रदान किया।
कार्यक्रम के बाद सुरभि सिंह ने नृत्य नाटिका के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विपश्यना ध्यान विधि, जो दुखों से मुक्ति पाने का सबसे सशक्त माध्यम मानी जाती है, को इस नृत्य नाटिका के माध्यम से प्रभावी रूप से दर्शकों तक पहुंचाया गया। उन्होंने बताया कि नाटिका में दिखाया गया था कि किस तरह एक व्यक्ति स्वयं में जाकर अपनी ध्यान की शक्ति से जीवन के उद्देश्य को जानने की प्रक्रिया को अपनाता है।