इटावा। उत्तर प्रदेश में ठंड की चपेट में आने के साथ ही मंगलवार को एक बार फिर इटावा जिले ने सबसे ठंडे स्थान का खिताब अपने नाम किया। मंगलवार की सुबह सर्द हवाओं के कारण लोगों की परेशानी बढ़ गई। दिनभर सूरज के दर्शन न होने के कारण ठंड ने और भी विकराल रूप ले लिया, जिससे लोगों को कपड़ों के अंदर भी सर्दी का एहसास हुआ।
मंगलवार को इटावा का न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस जबकि अधिकतम तापमान 14 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जिले में तीन दिनों से सूर्यदेव के दर्शन नहीं हुए, जिससे न केवल मानव जीवन प्रभावित हुआ, बल्कि पशु-पक्षी भी सर्दी से परेशान हो गए हैं। ऐसे में ठंड का प्रकोप और भी बढ़ गया है।
नव वर्ष की शुरुआत के साथ ही इटावा में ठंड ने एक बार फिर से अपना असर दिखाना शुरू कर दिया था। साल के पहले दिन में सर्दी थोड़ी कम महसूस हुई, लेकिन उसके बाद ठंड का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। पिछले एक सप्ताह में इटावा ने तीन बार प्रदेश के सबसे ठंडे जिले का दर्जा हासिल किया है, जो सर्दी के और बढ़ने की ओर इशारा करता है।
इस दौरान देश की राजधानी दिल्ली का न्यूनतम तापमान 9.9 डिग्री और अधिकतम तापमान 16.12 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इटावा से क्रमशः 1.9 डिग्री और 2.2 डिग्री अधिक था। दिल्ली की अपेक्षा इटावा में सर्दी अधिक महसूस हो रही है, और स्थानीय लोग इससे बचने के लिए विभिन्न उपायों पर विचार कर रहे हैं।
ठंड के प्रकोप से राहत पाने के लिए लोग घरों में ही दुगनी गर्मी बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं, लोग सर्दी से बचने के लिए गर्म कपड़ों में लिपटे हुए दिख रहे हैं। जिले के किसानों के लिए भी यह समय चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है, क्योंकि ठंड के कारण फसलों पर असर पड़ सकता है।