इटावा। एचएमपीवी (ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस) वायरस के मामले सामने आने के बाद इटावा जिले में अलर्ट जारी कर दिया गया है। यह वायरस खासकर छोटे बच्चों के लिए खतरे की घंटी बन सकता है, क्योंकि यह तेजी से बच्चों में फैल सकता है। दिल्ली में बड़ी संख्या में विदेशियों की आवाजाही होती है, और जिले में भी प्रतिदिन लगभग 10 हजार लोग दिल्ली से आ रहे हैं। ऐसे में इस वायरस के फैलने का खतरा और बढ़ गया है, जिससे स्वास्थ्य विभाग ने विशेष निगरानी रखने की दिशा में कदम उठाए हैं।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार, बीते कुछ दिनों में बावा भीमराव आंबेडकर संयुक्त जिला अस्पताल में सर्दी, जुकाम और खांसी के 157 मरीजों की जांच की गई। इन सभी मरीजों की खून की जांच की गई, जिसमें किसी भी संदिग्ध मरीज का पता नहीं चला। हालांकि, सभी मरीजों में सर्दी के सामान्य लक्षण पाए गए, जो एचएमपीवी के फैलने का संकेत हो सकते हैं। इसके बावजूद, स्वास्थ्य विभाग ने जिलेवासियों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
कर्नाटक, गुजरात और चेन्नई जैसे राज्यों में एचएमपीवी वायरस के संक्रमण के मामले सामने आए हैं, जिसमें पांच बच्चे इस वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। इस खबर के बाद, स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिल्ली, आंध्र प्रदेश और अन्य राज्यों में अलर्ट जारी किया है। इन राज्यों में एचएमपीवी के मामलों को लेकर सतर्कता बढ़ा दी गई है और विदेशों से आने वालों पर भी निगरानी रखी जा रही है।
जिले में दिल्ली से रोजाना आने-जाने वाले करीब 10 हजार लोगों की आवाजाही को देखते हुए, जिला स्वास्थ्य विभाग ने एक विशेष निगरानी योजना बनाई है। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. गीताराम ने जिले के सभी चिकित्साधिकारियों को पत्र लिखकर निर्देशित किया है कि दिल्ली, एमपी बार्डर और अन्य प्रांतों से आने वाले लोगों पर विशेष नजर रखी जाए। यदि कोई संदिग्ध मरीज दिखाई देता है तो तुरंत उसकी जांच करवाई जाए।
विशेषज्ञों के अनुसार, एचएमपीवी वायरस बच्चों में तेजी से फैलता है और इसके संक्रमण से बुखार, सर्दी, खांसी और सांस लेने में परेशानी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में बच्चों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। इस वायरस से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग ने हाथ धोने, मास्क पहनने और सर्दी-जुकाम के लक्षणों वाले व्यक्तियों से दूरी बनाए रखने की सलाह दी है।
इस दौरान जिले के अस्पतालों में भी तैयारी की जा रही है, ताकि यदि किसी को एचएमपीवी के लक्षण दिखाई दें, तो उसका सही समय पर इलाज किया जा सके। स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि फिलहाल जिले में कोई बड़ा खतरा नहीं है, लेकिन निगरानी की प्रक्रिया लगातार जारी रहेगी। जिलेवासियों से अपील की गई है कि वे किसी भी संदिग्ध लक्षण को नजरअंदाज न करें और तुरंत स्वास्थ्य केंद्र पर जाएं।