सैफई। उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय प्रशासन ने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों से उनकी संपत्तियों का ब्योरा देने के लिए आदेश जारी किए हैं। 31 जनवरी तक सभी कर्मचारियों को अपनी संपत्तियों का विवरण मानव संपदा पोर्टल पर फीड करना होगा। अगर कोई अधिकारी या कर्मचारी समय पर अपना ब्योरा नहीं देता है, तो उसकी वेतन वृद्धि रोक दी जाएगी।
विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. चंद्रवीर सिंह ने इस आदेश को जारी किया और कहा कि यह प्रक्रिया विश्वविद्यालय के कर्मचारियों के लिए अनिवार्य है। इसके तहत हर कर्मचारी को अपनी चल और अचल संपत्तियों का विवरण पोर्टल पर अपलोड करना होगा, ताकि विश्वविद्यालय प्रशासन को हर कर्मचारी की संपत्ति की जानकारी मिल सके।
संपत्ति का विवरण समय पर न देने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि जिन कर्मचारियों द्वारा ब्योरा निर्धारित समय सीमा तक नहीं दिया जाएगा, उनके खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक अनुशासन एवं अपील नियमावली के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
कुलसचिव ने सभी कर्मचारियों से अपील की है कि वे निर्धारित समय सीमा में अपनी संपत्ति का विवरण पोर्टल पर अपलोड करें, ताकि किसी प्रकार की असुविधा से बचा जा सके। विश्वविद्यालय प्रशासन ने यह कदम पारदर्शिता और संपत्ति संबंधी जानकारी के सही प्रबंधन के उद्देश्य से उठाया है।
यह कदम सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के बीच भ्रष्टाचार को रोकने और उनके संपत्ति के ब्योरे को व्यवस्थित तरीके से ट्रैक करने के लिए लिया गया है। इस प्रक्रिया से विश्वविद्यालय प्रशासन को भी अपने कर्मचारियों के बारे में अधिक जानकारी हासिल होगी और भविष्य में कोई भी अनियमितता होने पर त्वरित कार्रवाई की जा सकेगी।