Homeइटावा165 ग्राम पंचायतों में काम ठप, मजदूरों को रोजगार की भारी कमी

165 ग्राम पंचायतों में काम ठप, मजदूरों को रोजगार की भारी कमी

इटावा। जिले में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना (मनरेगा) की गारंटी पर गंभीर संकट मंडरा रहा है। जिले की 471 ग्राम पंचायतों में से 306 पंचायतों में ही काम चल रहा है, जबकि 165 ग्राम पंचायतों में काम ठप पड़ा हुआ है। इसके चलते गांवों में रोजगार की योजना धरातल पर दम तोड़ रही है और मजदूरों को काम की तलाश में शहरों की ओर पलायन करना पड़ रहा है।

जिले के पंजीकृत 11,395 मजदूरों में से सिर्फ 659 को ही काम मिल पा रहा है, जबकि 10,736 मजदूरों को काम नहीं मिल पा रहा है। ये मजदूर अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए मजबूर होकर गांव छोड़कर शहरों की ओर रुख कर रहे हैं। गांवों में काम की कमी के कारण मनरेगा योजना का उद्देश्य, जिसका मकसद ग्रामीण इलाकों में रोजगार मुहैया कराना था, विफल हो रहा है।

मनरेगा योजना के तहत हर पंजीकृत मजदूर को काम उपलब्ध कराना अनिवार्य है, लेकिन कड़ाके की ठंड के बीच काम की कमी ने योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। मुख्य वजह यह है कि ग्राम पंचायतों में मनरेगा के तहत कार्यों की संख्या में भारी कमी आ गई है, जिससे पंजीकृत श्रमिकों को काम नहीं मिल रहा है।

मजदूरों का कहना है कि उन्हें समय पर काम नहीं मिल पा रहा है, जिसके कारण वे परिवार का भरण-पोषण करने के लिए शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं। हालांकि, निजी क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों की तुलना में मनरेगा में एक दिन की दिहाड़ी अधिक है, जहां उन्हें 337 रुपये मिलते हैं, जबकि अन्य स्थानों पर यह राशि 300 रुपये से अधिक नहीं होती।

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