इटावा। सोमवार की रात इटावा महोत्सव में आसमानी झूले से गिरकर पांच लोगों के घायल होने का मामला सामने आया। घटना में झूला संचालक की लापरवाही उजागर हुई है। बताया गया कि झूले में क्षमता से अधिक वजन होने के कारण एक डोला खुल गया और नीचे गिर गया। घटना में झूले के कमजोर जुड़ाव को भी दुर्घटना का कारण माना जा रहा है।
नियमों के अनुसार, झूले को रोजाना संचालन से पहले चेक किया जाना चाहिए। लेकिन जानकारी के मुताबिक, झूलों की नियमित जांच नहीं की जाती और भीड़भाड़ के कारण झूले लगातार चलते रहते हैं। इटावा महोत्सव में पिछले तीन दिनों से भारी भीड़ उमड़ रही थी, जिसके चलते झूला झूलने वालों की संख्या भी काफी अधिक थी। महोत्सव में तीन आसमानी झूलों का संचालन किया जा रहा है।
घायल राधा ने बताया कि झूले में केवल चार लोगों के बैठने की अनुमति थी, लेकिन झूला झुलाने वाले ने जबरदस्ती पांच लोगों को बैठा दिया। झूले में अधिक वजन हो जाने से वह टूट गया और नीचे गिर गया। घायलों को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है।
झूले के ठेकेदार टीपू यादव का दावा है कि हर दिन लोक निर्माण विभाग के एक सक्षम अधिकारी द्वारा झूलों की चेकिंग की जाती है और सर्टिफिकेट जारी किया जाता है। हालांकि, इस घटना ने झूले की सुरक्षा व्यवस्था और चेकिंग प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
एसडीएम ने मामले में लापरवाही की बात स्वीकारते हुए कहा कि घटना की जांच कराई जाएगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए कड़े नियम लागू किए जाएंगे।इटावा महोत्सव में इस हादसे के बाद सुरक्षा व्यवस्था पर व्यापक बहस छिड़ गई है। लोगों ने मांग की है कि झूलों की गुणवत्ता और संचालन प्रक्रिया पर सख्त निगरानी रखी जाए ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। महोत्सव में आने वाले लोगों में इस घटना के बाद डर का माहौल है।