ताखा। सरकार द्वारा आवास विहीन लोगों के लिए चलाई जा रही प्रधानमंत्री आवास योजना का दुरुपयोग करने का मामला ताखा ब्लॉक के ग्राम पंचायत भरतपुर खुर्द से सामने आया है। यहां योजना के तहत लाभार्थी बने धर्मेंद्र कुमार ने सरकारी सहायता से मकान तो बनवाया, लेकिन तीनों किस्तें मिलने के बाद उसने मकान समेत पूरी जमीन ही बेच दी।
ग्राम पंचायत भरतपुर खुर्द के मौजा नगला सही निवासी धर्मेंद्र कुमार भूमिहीन थे। उन्होंने दो साल पहले 70 हजार रुपये में जमीन खरीदी थी और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवेदन किया था। वर्ष 2023-24 में उनका चयन योजना के लिए हुआ। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत धर्मेंद्र को कुल 1.20 लाख रुपये दिए गए। पहली किस्त में 40 हजार रुपये, दूसरी किस्त में 70 हजार रुपये और तीसरी किस्त में 10 हजार रुपये प्राप्त हुए। इन धनराशि का उपयोग करके उन्होंने मकान का निर्माण शुरू किया।
तीनों किस्तें प्राप्त होने के बाद धर्मेंद्र ने 2.50 लाख रुपये में मकान और जमीन को एक बाहरी व्यक्ति को बेच दिया। इसके बाद वह खुद फिर से किराए के मकान में रहने लगा। जब यह मामला प्रकाश में आया, तो ग्रामीणों और अधिकारियों में नाराजगी फैल गई।इस गड़बड़ी की जानकारी मिलने के बाद मामले की जांच शुरू कर दी गई है। योजना के तहत दी गई सहायता राशि का दुरुपयोग कैसे हुआ और इसकी जिम्मेदारी तय करने के लिए जांच अधिकारी को निर्देशित किया गया है।
प्रधानमंत्री आवास योजना का उद्देश्य गरीब और भूमिहीन लोगों को स्थायी छत मुहैया कराना है। लेकिन इस तरह के मामलों से योजना की साख पर सवाल खड़े हो रहे हैं। अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी और योजना के तहत लाभ लेने के मानकों को और सख्त किया जाएगा।ग्रामीणों ने इस मामले पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि सरकारी योजनाओं का लाभ उन्हीं को मिलना चाहिए, जो वास्तव में इसके पात्र हैं। उन्होंने इस मामले में जिम्मेदार व्यक्तियों पर कार्रवाई की मांग की है।