इटावा | शहर में शुक्रवार का दिन बीजेपी के कार्यकर्ताओं और पार्टी के लिए मायूसी भरा लम्हा रहा| क्योंकि इटावा जिला सत्र एवं न्यायालय के जिला जज के द्वारा भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष शिव प्रताप राजपूत और उनके साथी दीपू शर्मा को अपहरण और हत्या के मामले में दोषी करार देते हुए उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई तो वहीं लाखों रुपए का जुर्माना भी लगाया गया|
भारतीय जनता पार्टी के इटावा जनपद के पूर्व जिला अध्यक्ष शिव प्रताप राजपूत व उनके साथी दीपू शर्मा के द्वारा बीते नौ वर्ष पहले 19 अप्रैल 2015 को अपने घर के ही पड़ोस में रहने वाले संतोष कुमार का सुबह चार बजे के लगभग उसी के घर से जबरन अपहरण कर लिया गया था। अपहरण किये गए युवक की तलाश परिवार वालो ने पूरे दिन कि लेकिन अपहरण हुए संतोष का कहीं भी कुछ पता नहीं चल सका था । इसके बाद अगले दिन इटावा जनपद के ही सहसों थाना क्षेत्र में कुँवारी नदी के पुल के पास एक अज्ञात शव मिलने की सूचना पर अपहरण किये गए संतोष के भाई राजीव वहां पहुंचे और उन्होंने कुँवारी नदी के पास मिले शव की शिनाख्त अपने अपहरण किये गए भाई संतोष के रूप में की थी ।शव मिलने के बाद मृतक संतोष के पिता मोहर सिंह द्वारा इटावा शहर कोतवाली में बीजेपी के पूर्व जिलाध्यक्ष शिव प्रताप राजपूत एवं दीपू शर्मा के विरुद्ध लिखित रूप से तहरीर दी गयी जिस पर कोतवाली पुलिस द्वारा भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष शिव प्रताप राजपूत समेत दीपू शर्मा के खिलाफ मु० संख्या 177/2015 अंतर्गत धारा 364, 302 व 201 में मामला दर्ज किया गया।
मुकदमा के दौरान दस गवाहों कि गवाही हुई जिसके बाद आज दिनांक 06-09-2024 को इटावा जिला एवं सत्र न्यायलय के जिला जज के द्वारा अधिवक्ता राजेन्द्र सिंह यादव एवं अवनीश यादव की जिरह के आधार पर दोनों को दोषी करार दिया और आजीवन कारावास कि सजा के साथ साथ लाखो रूपये के अर्थ दंड से दण्डित भी किया। न्यायलय में पैरवी कर रहे वादी के अधिवक्ता राजेंद्र यादव ने बताया कि बीजेपी के पूर्व जिलाध्यक्ष शिव प्रताप राजपूत द्वारा अपने बर्चस्व को कायम रखने के लिए हत्या कि घटना को अंजाम दिया गया था ।