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कड़ाके की ठंड में कोहरे और पाले से फसलों पर असर, झुलसा रोग फैलने लगा

इटावा। इस समय जिले में कड़ाके की ठंड, कोहरा और पाला से किसानों की चिंता बढ़ गई है। आलू, सरसों समेत अन्य सब्जियों पर इन मौसमीय परिस्थितियों का नकरात्मक असर पड़ने लगा है। इन फसलों में झुलसा रोग फैलने की समस्या उत्पन्न हो गई है। किसानों का कहना है कि यदि धूप नहीं निकली, तो फसल और अधिक प्रभावित हो सकती है। खासतौर पर उन किसानों के लिए यह समय कठिनाई भरा है जो सब्जी की सोती करते हैं, क्योंकि कोहरे के कारण उनकी फसलें प्रभावित हो रही हैं।

किसान अजय पाल ने बताया कि आलू और सरसों की फसलों में झुलसा रोग की शुरुआत हो चुकी है। उन्होंने कहा कि हालांकि इस रोग से बचाव के लिए कुछ उपाय किए जा रहे हैं, लेकिन धूप न निकलने से स्थिति और बिगड़ सकती है। अजय पाल का कहना था कि आलू के उत्पादन पर 10 से 15 प्रतिशत तक असर पड़ सकता है। ऐसे में किसान चिंतित हैं और मौसम के सुधार का इंतजार कर रहे हैं।

कृषि विभाग के एडीओ दिलीप कुमार ने बताया कि इस समय के मौसम से बचाव के लिए किसानों को फसलों में कीटनाशक का छिड़काव करना चाहिए। उनका कहना था कि तापमान में गिरावट के कारण फफूंद जनित बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, खासकर आलू की फसलों में। एडीओ दिलीप कुमार ने सलाह दी कि आलू की फसल पर हल्की सिंचाई की जा सकती है, जबकि सरसों की फसल में सिंचाई से बचना चाहिए।

फूल वाली फसलों को भी कोहरे और पाले से नुकसान हो सकता है। इस मौसम में फसलों में बीमारियों की समस्या बढ़ जाती है, जिससे किसानों को नुकसान उठाना पड़ सकता है। फसलों की देखभाल के लिए किसानों को अधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है, ताकि उनकी फसलें इस मौसम की मार से बच सकें।

वहीं, कुछ किसानों का मानना है कि गेहूं की फसल के लिए कोहरा फायदेमंद हो सकता है, लेकिन सब्जी और अन्य फसलों के लिए यह मौसम नुकसानदेह साबित हो रहा है। इससे किसानों को फसलों के उत्पादन में कमी का सामना करना पड़ सकता है।

किसानों को यह भी सलाह दी जा रही है कि वे अपनी फसलों की उचित देखभाल करें और कृषि विभाग द्वारा बताए गए उपायों का पालन करें। मौसम के कारण हुए इन बदलावों से निपटने के लिए सरकार और कृषि विभाग किसानों को उचित मार्गदर्शन देने की कोशिश कर रहे हैं।

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