इटावा। जिले में वन और वेटलैंड के संरक्षण के लिए हर ग्राम पंचायत में वन मित्र और वेटलैंड मित्र बनाए जाएंगे। ये मित्र पेड़-पौधों और तालाबों की देखभाल करने के लिए प्रशिक्षित होंगे, ताकि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा सकें।
जिले में कुल 469 ग्राम पंचायतें हैं, और इनमें से प्रत्येक पंचायत में एक-एक वन मित्र और वेटलैंड मित्र की तैनाती की कार्रवाई वन विभाग द्वारा शुरू की गई है। इसके लिए ग्रामीणों से आवेदन मांगे गए हैं, और यह सेवाएं निशुल्क दी जाएंगी। इन मित्रों का मुख्य कार्य तालाबों के चारों ओर पौधारोपण करना, उन्हें सुंदर बनाना, और तालाबों का संरक्षण करना होगा।
तालाबों की देखभाल के अभाव में वे अब तक बदहाल हो चुके हैं, लेकिन वन मित्र और वेटलैंड मित्र की तैनाती से इनकी स्थिति में सुधार आएगा। इसके साथ ही, मछली पालन को बढ़ावा देने और पक्षियों के शिकार और पेड़ों की अकारण कटाई को रोकने में भी ये मित्र मददगार होंगे। इस योजना के तहत, हर गांव में एक समिति का गठन किया जाएगा, जिसका अध्यक्ष ग्राम प्रधान होगा। सचिव की नियुक्ति भी की जाएगी, जो इस समिति का संचालन करेगा।
विशेष रूप से, ताखा और सैफई ब्लॉक में सबसे ज्यादा वेटलैंड क्षेत्र है, जहां राज्य पक्षी सारस की संख्या भी बहुत अधिक है। इन क्षेत्रों में वन और वेटलैंड मित्रों की तैनाती से पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों में और गति मिलेगी। यह पहल पर्यावरण संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है और जिले में पारिस्थितिकी तंत्र को सहेजने में मददगार साबित होगी।