चकरनगर भाजपा सरकार ने नागरिकों को छुट्टी के दिन भी सस्ती और सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेलों का आयोजन शुरू किया था। हालांकि, कुछ समय तक यह व्यवस्था सही ढंग से चलने के बाद अब यह पटरी से उतर चुकी है। जिले के कई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) पर आयोजित किए जा रहे जन आरोग्य मेलों में भारी कमी सामने आ रही है, जिससे इस योजना की प्रभावशीलता पर सवाल उठने लगे हैं।
पड़ताल में यह खुलासा हुआ कि जिले के हनुमंतपुरा, पिपरौली और सिंडौस जैसे स्वास्थ्य केंद्रों पर जन आरोग्य मेले का आयोजन फार्मासिस्ट और लैब टेक्नीशियनों के भरोसे किया जा रहा है, जबकि जरूरी चिकित्सकीय सेवाएं और डॉक्टरों की उपस्थिति बेहद कम हो गई है। कुछ स्वास्थ्य केंद्रों पर तो मरीजों को डॉक्टरों के बजाय फार्मासिस्ट और लैब टेक्नीशियन से ही सलाह लेनी पड़ रही है, जो कि चिकित्सीय प्रक्रियाओं के लिए पर्याप्त नहीं है।
भरथना और बाहरपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर आरोग्य मेला सही तरीके से संचालित हुआ। यहां डॉ. जितेंद्र वाजपेई ने मरीजों को देखा, जिनमें ज्यादातर खांसी और जुकाम के रोगी थे। आरोग्य मेला में दोपहर तक 20 मरीज पहुंचे, जिनका इलाज फार्मासिस्ट धीरज कुमार और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा किया गया। हालांकि, यह सिर्फ कुछ केंद्रों का उदाहरण है, जबकि अन्य केंद्रों पर सेवाएं बिल्कुल भी सही नहीं चल रही हैं।
हनुमंतपुरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर सीएचसी अधीक्षक महेश पाल सिंह ने निरीक्षण किया। यहां तैनात डॉक्टर राकेश यादव और वार्डबॉय आकाश अनुपस्थित पाए गए। लैब टेक्नीशियन सर्वेश बाबू ने मरीजों का इलाज किया, लेकिन मरीजों को काफी समय तक इंतजार करना पड़ा। इस तरह के अनुपस्थित चिकित्सक और कर्मियों के कारण जन आरोग्य मेला अपनी असली उद्देश्य से भटक चुका है, जिससे लोगों में असंतोष बढ़ रहा है।